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मीडिया से बेहतर समन्वय स्थापित करे सूचना विभागः चौहान

नवनियुक्त महानिदेशक, सूचना रणवीर सिंह चौहान ने बुधवार को सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग में विधिवत कार्यभार ग्रहण किया। महानिदेशालय में आयोजित विभागीय अधिकारियों की बैठक में कहा कि सूचना विभाग सरकार की योजनाओं और नीतियों को जनता तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करता है। इसमें मीडिया का अहम योगदान है, इसलिए मीडिया तक सूचनाओं का आदान-प्रदान त्वरित गति से होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति मधुर व्यवहार का विशेष ध्यान रखा जाए। मीडिया से बेहतर समन्वय स्थापित किया जाए, पत्रकारों के हितों के लिए जो योजनाएं संचालित हैं, उन पर विशेष फोकस रखा जाए।
उन्होंने कहा कि विभागीय कार्य प्रणाली में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाए। अधिक से अधिक कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं एवं नीतियां जनता तक ज्यादा से ज्यादा किस तरह पहुंचे, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।
सूचना महानिदेशक ने कहा कि विभाग वर्तमान समय के अनुसार आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी एवं सरलता लाए। वर्तमान समय में प्रचार प्रसार के आधुनिक प्रारूप विशेषकार सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखा जाए। कार्यभार ग्रहण करने के बाद चौहान ने विभागीय कार्यकलापों की जानकारी भी ली।
इस अवसर पर अपर निदेशक डॉ.अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक राजेश कुमार एवं आशीष कुमार त्रिपाठी, उपनिदेशक केएस चौहान, नितिन उपाध्याय, सहायक निदेशक रवि बिजारनियां सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Key Words- Director General Information and Public Relation, Social Media and Governance, Role of Social Media in Governance, Role of Information Technology in Good Governance

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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