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सीएम ने कहा, पुलिस और स्वास्थ्य कर्मचारियों से दुव्यर्वहार करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री ने अफसरों को दिए निर्देश

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को केंद्र सरकार के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि एक दो दिन में केंद्र सरकार से गाइडलाइन मिल जाएगी, जिनका पालन सुनिश्चित कराना है।

मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जो निर्देश दिए हैं, उनका पालन किया जाए। उन्होंने आरोग्य सेतु मोबाइल एप की उपयोगिता को देखते हुए इसे डाउनलोड करने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने को कहा।

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हमारे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार न हो। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। आवश्यकता होने पर टेस्टिंग लैब बढ़ाने का प्रयास किया जाए। यह भी देखा जाए कि कहीं भी आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के संक्रमण एक भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है। जबकि पांच लोग ठीक हो चुके हैं। आगे भी हमें देखना है कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की समुचित देखभाल हो।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, निदेशक एनएचएम युगल किशोर पंत उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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