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नौकरी नहीं मिल रही तो करें ये उपाय 

अगर आपको कहीं नौकरी नहीं मिल पा रही है? या जहां काम कर रहे हैं, वहां खुश नहीं हैं? अगर ऐसा है तो आज तो हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं, जिनके लिए माना जाता है कि इनपर अमल करने से मनचाही और आकर्षक नौकरी मिल जाती है। शास्त्रों के अनुसार रोजाना शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अक्षत अर्पित करना चाहिए। हां इस बात का ध्यान रहे कि अक्षत के रूप में चढ़ाया जाने वाला चावल टूटा न हो। वहीं शास्त्रों के अनुसार इस उपाय से व्यक्ति को अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है पर गलती से भी टूटा चावल शिवलिंग पर अर्पित न करें।
इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि साक्षात्कार देने से पहले गाय को आटा और गुड़ खिलाकर जाएं या घर से निकलने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो इंटरव्यू में सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
जीवन में सफलता के लिए बजरंग बली का उड़ता हुआ फोटो घर में रखें और उसकी पूजा करें।
ये मान्यता है कि गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर लाना शुभ होता है, जिसमें उनकी सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई हो, उनकी आराधना करें। उनके आगे लौंग तथा सुपारी रखें। जब भी कहीं काम पर जाना हो, तो इस लौंग तथा सुपारी को साथ लेकर जाएं तो काम सिद्ध होगा।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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