FeaturedSHORT STORY FOR KIDS

आपको पसंद आएंगी ये पांच कहानियां

यमराज और अभिमानी मूर्तिकार
किसी गांव में एक मशहूर मूर्तिकार था। उनकी मूर्तियां असली दिखती थीं। एक दिन उन्होंने एक सपना देखा कि पंद्रह दिनों के बाद उनकी मृत्यु हो जाएगी। यमदूत आकर उनको ले जाएंगे। मूर्तिकार ने स्वयं को मृत्यु से बचाने के लिए हू ब हू अपने जैसी नौ मूर्तियां तैयार कीं । आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें…

सूरज और हवा
एक दिन हवा ने सूरज को अपनी शक्ति का अहसास कराने का मन बनाया। वह सूरज से कह रही थी कि वह उससे ज्यादा ताकतवर है। हवा कह रही थी कि मैं सबको उड़ा सकती हूं। मैं बादलों को बहाकर ले जाती हूं। बड़े बड़े पेड़ों को गिरा देती हूं, इसलिए मैं ताकतवर हूं। मेरी शक्ति के सामने कोई नहीं टिक सकता। सूरज शांत होकर हवा की बात सुनता रहा। जब हवा को अपनी शक्ति का परिचय देते हुए काफी देर हो गई तो सूरज ने कहा, चलो हम दोनों मुकाबला करते हैं। आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें…

कहानीः बैल बड़ा या मेंढ़क
बहुत पुरानी बात है। एक गांव में हरीभरी घास और फूलों से भरा मैदान था। मैदान के पास ही छोटी नदी बह रही थी, जिसमें बहुत सारे छोटे-छोटे जीव रहते थे। नदी में तरह-तरह की रंगीन मछलियां तैरतीं। वहां ड्रैगन फ्लाई और मधुमक्खियां भी मंडराती रहतीं। फूलों की विविधता की वजह से मधुमक्खियां काफी खुश थीं। उनको रस के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ रहा था।  आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें…

और मुस्कराने लगा वह बूढ़ा आदमी
किसी गांव में एक वृद्ध रहता था। खराब व्यवहार की वजह से गांव के लोग उसको दुनिया का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण व्यक्ति मानते थे। पूरा गांव उससे आजिज आ चुका था। वह हमेशा उदास रहता था और उसको हर व्यक्ति से कोई न कोई शिकायत थी। वह हमेशा खराब मूड में रहता और लोगों को बुरा भला कहता था। दिन पर दिन उसके शब्द और जहरीले होते जा रहे थे। उसकी आदत थी कि वह किसी को भी खुश नहीं देखना चाहता था।आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें…

चिड़िया के बच्चे
किसी जंगल में एक चिड़िया दो बच्चों के साथ रहती थी। चिड़िया का घोसला एक बड़े पेड़ पर था। चिड़िया अपने दोनोंं बच्चों के साथ बहुत खुश थी, लेकिन उसकी खुशी ज्यादा दिन तक नहीं रही। जंगल में आए तूफान ने कई बड़े पेड़ों को गिरा दिया। तूफान की चपेट में आकर चिड़िया के घोसले वाला पेड़ भी टूट गया। पेड़ गिरने से चिड़िया की मौत हो गई और उसके दोनों बच्चे हवा के झोके में कहीं दूर चले गए। चिड़िया का एक बच्चा उस गुफा के पास जाकर गिरा, जिसमें डकैत रहते थे। दूसरी बच्चा एक आश्रम में जाकर गिरा। दोनों बच्चे अलग-अलग जगहों औऱ माहौल में पलने बढ़ने लगे।आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें…

नोट- आप भी हमें अपनी लिखी कहानियां व कविताएं भेज सकते हैं। अपनी रचनाओं के साथ अपना नाम व पता लिखना मत भूलिएगा। हमारी मेल आई है- newslive2019@gmail.com

आप हमें व्हाट्सएप भी कर सकते हैं- 9760097344

 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button