DHARMA

अपने दिन को अच्छा बनाने के लिए ये उपाय करें

अगर आप अपना दिन बेहतर बिताना चाहते हैं तो इसके लिए अच्छी शुरुआत करें। अक्सर हम अपने आसपास की ढेर सारी बातों को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन इनका हम पर सीधा असर पड़ता है। वास्तुशास्त्र में कुछ उपाय बताए गए जिन्हें अपनाकर आप अपनी सुबह के साथ ही पूरे दिन को बेहतर बना सकते हैं। यह बात तो हम सब मानते हैं कि अगर हमारी सुबह शुभ कार्यों के साथ शुरु होगी तो हमारा पूरा दिन अच्छा गुजरता है।
आंख खुलते ही न देखें आइनाः कई लोगों की आदत होती है, सुबह उठते ही आइना देखने की। वास्तु विज्ञान के अनुसार ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से दिनभर आप पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बना रह सकता है। इसकी वजह यह है कि जब आप सोकर उठते हैं तो आपका शरीर नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में होता है इसलिए आप आलस महसूस करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि फ्रेश होने के बाद आइना देखना चाहिए।
सुबह उठते ही किसका चेहरा देखेंः ऐसी मान्यता है कि आंख खुलते ही किसी व्यक्ति का चेहरा देखने से बचना चाहिए। दिन की शुरुआत के साथ सबसे पहले अपने ईष्ट देवता का ध्यान करें और उनके ही दर्शन करने चाहिए। इसके पीछे यह धारणा है कि व्यक्ति के चेहरे पर अलग-अलग तरह के भाव होते हैं जिसे देखकर आपके भाव भी बदलते हैं। लेकिन ईश्वर निर्विकार भाव आपको देखते हैं और आप भी उन्हें ऐसे ही देखते हैं जिससे मन में सकारात्मक भाव जगता है।
इसलिए सुबह उठकर देखें हथेलीः कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥ कहा गया है कि हथेली के अगले हिस्से में देवी लक्ष्मी का वास होता है, मध्य में सरस्वती का और मूल भाग में भगवान विष्णु विराजते हैं। यही कारण है कि सुबह उठकर सबसे पहले दोनों हाथों की हथेली को जोड़कर देखना चाहिए, ऐसा शास्त्रों का मत है। इसे व्यावहारिक रूप में देखें तो हथेली से ही सभी कर्म किए जाते हैं और इसी से धन और धर्म दोनों कर्तव्यों को पूरा किया जाता है इसलिए हथेली देखने की बात की जाती है।  उत्तराखंडः गरुड़ गंगा में स्नान से मिलती कालसर्प योग से मुक्ति
शंख या मंदिर की घंटी की आवाज सुनाई दे तोः सुबह उठते ही अगर शंख या मंदिर की घंटियों की आवाज सुनाई दे तो यह आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यही कारण है कि शास्त्रों में कहा गया है कि सुबह उठकर भगवान की पूजा करें और घंटी बजाकर शंखनाद करें।
दिन बन जाता है शुभः शकुनशास्त्र के अनुसार सुबह घर से निकलते समय नारियल, शंख, मोर, हंस या फूल आपको दिख जाए तो समझिए आपका पूरा दिन शुभ बीतने वाला है।
नाश्ते से पहले ऐसा न करेंः रामचरित मानस के सुंदरकांड में तुलसीदास जी हनुमान जी के एक कथन को लिखते हुए कहते हैं कि, प्रात लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा।। यानी हनुमान जी कहते हैं कि वह एक वानर जाति से आते हैं। यह श्रेष्ठ योनी नहीं है, इसलिए जो कोई सुबह उठकर उनके वानर स्वरूप का नाम लेता है उसे समय से भोजन नही मिलता है। इसलिए कहा जाता है कि नाश्ता पानी करने से पहले इस नाम को नहीं बोलना चाहिए।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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