Uttarakhand

गुड गवर्नेंस के लिए हेल्पलाइन अफसरों को ट्रेनिंग

देहरादून। उत्तराखंड सरकार जन शिकायतों के समुचित समाधान के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित कर रही है। सीएम हेल्पलाइन पोर्टल  cmhelpline.uk.gov.in तथा टोल फ्री नंबर 1905 व मोबाइल एप पर मिलने वाली शिकायतों के सही तरीके और तेजी से समाधान की ट्रेनिंग प्रदेशभर में चल रही है। 20 जुलाई से शुरू ट्रेनिंग के तहत 13 में आठ जिलों के 1856 अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

राज्यभर में सीएम हेल्पलाइन पर रजिस्टर्ड 3500 अधिकारियों को आईटी विशेषज्ञ द्वारा ट्रेनिंग दी जानी हैं। अभी तक गढ़वाल मंडल के देहरादून व हरिद्वार तथा कुमाऊं मंडल के सभी छह जिलों उधमसिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चम्पावत जिले में अधिकारियों की प्रेक्टिकल ट्रेनिंग पूर्ण हो चुकी है। बेहतर मानिटरिंग के लिए जिला अधिकारी को सीएम हेल्पलाइन का डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है। मंडलायुक्त को मंडल का एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है। इससे जिलाधिकारी प्रतिदिन किसी भी समय अपने जिले  और  गढ़वाल और कुमाऊं कमिश्नर मंडल के सभी विभागों में सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज हो रही शिकायतों और समाधान पर नजर रख सकेंगे।

मुख्यमंत्री के सचिव राजीव रौतेला का कहना है कि हम सभी लोक सेवक हैं, इसलिए जनता को सुगम व गुणवत्तापूर्ण सेवा देना हमारा दायित्व है। सरकार व हमारा उद्देश्य आम जनता को सेवाएं देना है तथा उनकी समस्याओं का समयबद्धता से निस्तारण करना है।

15 दिसम्बर 2017 को सीएम एप भी लांच किया गया था, जिससे 11 हजार से अधिक शिकायतों का निराकरण किया गया था। 23 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 शुरू की गई है, जिस पर प्रत्येक स्तर पर अधिकारियों के लिए सात दिन के भीतर समस्याओं का निदान करना आवश्यक होगा। 23 फरवरी 2019 से 4 सितंबर 2019 तक सीएम हेल्पलाइन पर 7546 शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी गई है। उत्तराखंड का कोई भी नागरिक सीएम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1905 पर हिंदी, अंग्रेजी, गढ़वाली, पंजाबी, कुमाऊंनी में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। मुख्यमंत्री कार्यालय नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त  शिकायतों की माॅनिटरिंग कर रहा है।

ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को बताया गया कि सभी जिलाधिकारी जिला स्तर और कमिश्नर मंडल स्तर पर हर महीने में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर पर भी समीक्षा बैठक की जाएगी। अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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