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अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय

मध्य अफ्रीकी देश बुरुंडी अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) से अलग होने वाला पहला देश बन गया है। 27 अक्टूबर, 2017 को उसने आईसीसी से विद्ड्रा किया है। अप्रैल 2015 से बुरुंडी उस समय से गंभीर राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना रहा है, जब राष्ट्रपति पियरे नुकुरन्ज़िज़ा ने विवादित तीसरे कार्यकाल की योजना की घोषणा की थी, अंततः वह जीते। 

प्रसिद्ध मलयालम उपन्यासकार पुनाथिल कुंजबदुल्ला का 77 वर्ष की उम्र में केरल के कोझिकोड में निधन हो गया। उन्होंने 7 उपन्यास, 15 छोटी कहानी संग्रह, संस्मरण, एक आत्मकथा और यात्राएं लिखीं। 1977 में प्रकाशित उनकी उत्कृष्ट कृति स्मारकाशिलाकल मलयालम के सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक है। उन्होंने केरल और केंद्रीय साहित्य अकादमी दोनों पुरस्कार हासिल किए। 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू को प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सार्वजनिक सेवा में ग्लोबल लीडरशिप और सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए 17 वीं लंदन ग्लोबल कन्वेंशन में उनको यह सम्मान प्रदान किया गया। 

लेबर पार्टी के नेता जैकिंडा अर्दर्न को आधिकारिक तौर पर 26 अक्तूबर, 2017 को न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने, बाल गरीबी उन्मूलन और देश के सबसे कमजोर लोगों के जीवन में सुधार करने का वादा किया।

अनमलाई टाइगर रिजर्व, जिसे पहले इंदिरा गांधी वन्यजीव अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान (आईजीडब्ल्यूएलएस और एनपी) के नाम से जाना जाता था, कोलाबाटेर जिले के वालपार्इ और उडुमलपेट तालुकों और तमिलनाडु के तिरुपुर जिले के अन्नामलाई पहाड़ियों में स्थित है। यह गोल्डन जैकाल, तेंदुए, जंगली बिल्ली, स्पॉटेड हिरण, भौंकने वाले हिरण, जंगली सूअर, मकाक, का प्रवास है। 

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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