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किशोर उपाध्याय बोले, ऐसा न हो 2022 में भी चिड़िया खेत न चुग जाए

देहरादून। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट चर्चा में हैं। वहीं अपनी पोस्ट पर उनको विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है।
किशोर उपाध्याय एक पोस्ट के माध्यम से 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लेकर आशंका जताते हैं। इस पोस्ट में तीन फोटो साझा करते हुए उपाध्याय लिखते हैं- इन्हीं दिनों 2016 में कांग्रेस को आशीर्वाद प्रदान करने के लिये जुटे जन सैलाब को देखिये।
उपाध्याय के अनुसार, यह फोटो 9 दिसंबर, 2016, विजय संकल्प रैली का है। वो लिखते हैं, लोग बुरा मान जाते हैं, जब मैं कहता हूँ कि पिछले चुनावों के हार की समीक्षा करिये, ऐसा न हो कि “चिड़िया चुग गयी खेत” वाली ‘17 की सी स्थिति ‘22 में हो।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को अपनी इस पोस्ट को मिले कमेंट्स को देखिए-
दिनेश रतूड़ी ने लिखा, प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस रहते हुए इतनी बड़ी पराजय हुई, आप खुद मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से हार गए, आत्मचिंतन की जरूरत आपको है।
 पवन सिंह ने कमेंट किया, आपका हाथ थोड़ी पकड़ा है किसी ने बीजेपी में जाना 2017 में तय हो गया था, जब आपने टिहरी विधानसभा में बीजेपी के विधायक के लिये वोट मांगे थे…
महावीर सिंह लिखते हैं- आप जाना ही चाह रहे हैं तो चले जाइए. या इस बात का इंतजार है कि पार्टी आपका निष्कासन करें।
गुरुप्रीत सिंह प्रिंस ने लिखा- चिड़िया चुग गई खेत आपके लिए भी है, जब आप अध्यक्ष थे अपने आप को साबित नही कर पाए, अब फेसबुक फेसबुक खेलकर क्यों पार्टी का नुकसान कर रहे हो।
अनुराग रांगड़ ने लिखा, प्रणाम भाई जी ! भीड़ कभी जीत का पैमाना ना होती बड़े भाई !
महेश सजवाण मोंटी कमेंट करते हैं- कांग्रेस 11 के शर्मनाक आंकड़ें पर आपकी ही अध्यक्षता में आई। रस्सी जल गई पर बल नहीं गया।
कुछ कमेंट्स किशोर उपाध्याय की पोस्ट पर अपना समर्थन भी व्यक्त करते हैं। जिनमें संदीप पांडेय लिखते हैं, बिल्कुल सही।
दीपू रावत ने लिखा- बिल्कुल सर आपका कथन सही है।
मालूम हो कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कुछ समय से पार्टी नेता हरीश रावत पर उनके साथ षड्यंत्र करने का आरोप लगा रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सजवाण और उनके बीच सोशल मीडिया पर एक दूसरे के खिलाफ बयानों का दौर चला।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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