Uttarakhand

मदरसू हाईस्कूल के बच्चे बोले, स्वच्छ रहेंगे- स्वस्थ रहेंगे

देहरादून। देहरादून जिले के दूरस्थ बिन्हार क्षेत्र के राजकीय हाईस्कूल मदरसू के छात्र-छात्राओं ने विद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया और पौधारोपण किया। बच्चों ने पर्यावरण की स्वच्छता के महत्व को जाना और संकल्प लिया कि स्वच्छता के मिशन को घर-घर तक पहुंचाएंगे, ताकि हर व्यक्ति स्वस्थ रहे।

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के दो अक्टूबर 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य के संकल्प के तहत प्रदेशभर के विद्यालयों में एक सितम्बर से 15 सितम्बर तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। बिन्हार क्षेत्र के राजकीय हाईस्कूल मदरसू देहरादून में स्वच्छता पखवाड़े के तहत छात्र- छात्राओं व स्टाफ ने सफाई अभियान चलाया। उन्होंने विद्यालय परिसर की साफ-सफाई की।

प्रधानाचार्य आरपी अग्रवाल ने संपूर्ण स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया और भोजन से पहले और बाद में हाथ धोने के सही तरीके की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वयं स्वच्छ रहकर, अपने आसपास स्वच्छता रखकर ही हर व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। इसके लिए छोटे-छोटे उपायों पर जोर देना होगा, ताकि स्वच्छ पर्यावरण, स्वच्छ शरीर और बेहतर स्वास्थ्य को हासिल किया जा सके। 

उन्होंने कहा सफाई अभियान चलाकर कईं बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। बड़े स्तर पर पौधारोपण करके, जल संरक्षण करके हम तमाम समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। जल की बर्बादी न की जाए, बिजली- ईंधन का संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि खुले में शौच की प्रवृत्ति को त्यागा जाए। शौचालयों का इस्तेमाल किया जाए। 

वरिष्ठ शिक्षक क्षमा प्रकाश त्रिपाठी ने विद्यालय में जैविक और अजैविक कूड़े के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जैविक और अजैविक कूड़े को अलग-अलग कूडे़दान में रखा जाए। बच्चों को शौचालय के उपयोग व रखरखाव का उचित तरीका बताया। अध्यापक रमाकांत वर्मा ने छात्र छात्राओं को स्वच्छता के साथ साथ हिमालय व उसके पर्यावरण के संरक्षण की शपथ दिलाई। 

विज्ञान टीचर आरडी डोभाल ने बच्चों को नाख़ून साफ रखने और स्वच्छ रहने का उचित तरीका बताया। मंजू कुकरेती ने छात्र छात्राओं को घरेलू दिनचर्या में स्वच्छता के महत्व एवं सावधानियों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। अध्यापक सूरत पंवार ने स्टाफ व छात्र-छात्राओं के सहयोग से विद्यालय में पौधारोपण और सफाई अभियान चलाया। पौधों की सुरक्षा का संकल्प लिया गया। कार्यालय के स्टाफ ने पुराने अभिलेखों की छँटाई और सफाई की। पीटीए और एसएमसी अध्यक्ष जनप्रतिनिधियों और बच्चों के माध्यम से स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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