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डोईवाला प्रेस क्लब में संजय अग्रवाल अध्यक्ष, चंद्रमोहन कोठियाल महामंत्री निर्वाचित

डोईवाला। डोईवाला प्रेस क्लब के वार्षिक चुनाव में संजय अग्रवाल को अध्यक्ष तथा चंद्रमोहन कोठियाल को सर्वसम्मति से महामंत्री चुना गया। क्लब कार्यकरिणी का चुनाव अध्यक्ष और महामंत्री की सहमति से आगामी बैठक में होगा।

क्लब की ऋषिकेश रोड स्थित भवन में हुई बैठक में राजेश पांडेय एवं सुदेश सहगल की देखरेख में चुनाव में पूर्व महामंत्री राजेंद्र वर्मा ने संजय अग्रवाल को अध्यक्ष एवं चंद्रमोहन कोठियाल को महामंत्री चुनने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका अनुमोदन नवल यादव ने किया।  बैठक में उपस्थित सभी पत्रकारों से उक्त दोनों नामों पर अपनी सहमति व्यक्त की।

वरिष्ठ शिक्षक अश्वनी गुप्ता ने बैठक की कार्यवाही संपन्न कराई। इस मौके पर पत्रकार राजेश पांडेय ने कहा कि पत्रकारिता अनुभव का विषय है। अनुभव से ही आप सीखते हैं, पर आपको पत्रकारिता की आचार संहिता का पूर्ण रूप से पालन करना होगा।

उन्होंने रियल टाइम जर्नलिज्म में सोशल मीडिया के योगदान पर भी चर्चा की, साथ ही खबरों को प्रकाशित करने से पहले पुष्टि पर जोर दिया। चुनाव अधिकारी सुदेश सहगल ने कहा कि पत्रकारिता चुनौतियों से भरा पेशा है। चुनौतियों के बावजूद पत्रकारिता जनसरोकारों वाली होती है, यह बहुत बड़ी महत्वपूर्ण बात है।

क्लब के विधि सलाहकार एवं पार्षद मनीष धीमान ने प्रेस क्लब भवन के बिजली बिल का भुगतान वहन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विद्युत कनेक्शन में जो सहयोग होगा, उनसे मिलेगा।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता समाज का मार्गदर्शन करती है, इसलिए पत्रकारों से यह अपेक्षा रहती है कि वो समाज को सही दिशा देने का काम करें।

बैठक में क्लब के पूर्व अध्यक्ष  प्रीतम वर्मा,  पूर्व महामंत्री राजेंद्र वर्मा, अंजना गुप्ता, ओमकार सिंह, विक्रांत वर्मा, चमन लाल, विजय कुमार शर्मा,  संजय राठौर आदि उपस्थित रहे।

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Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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