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शर्मिला टैगोर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

मशहूर फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर को सिनेमा के क्षेत्र में योगदान के लिए नई दिल्ली में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2017 से सम्मानित किया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (प्रधानमंत्री कार्यालय) जितेंद्र सिंह और दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने शर्मिला टैगोर को यह पुरस्कार प्रदान किया। 

कर्नाटक सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन इंडिया के साथ समझौता किया है, जिसके तहत छोटे किसानों को भी प्रौद्योगिकी उन्मुख समाधान के साथ सशक्त बनाने के लिए तकनीकी मदद दी जाएगी। इससे उन्हें आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। किसान समाधान क्लाउड आधारित तकनीक का उपयोग करेंगे। 

सार्वजनिक परिवहन में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं से संचालित दुनिया का पहला हाइब्रिड इलेक्ट्रिक ट्राम चीन में संचालित हो गया है। उत्तर चीन के हेबेई प्रांत में पहली बार ट्राम को व्यावसायिक संचालन में रखा गया था। यह 12 किलोग्राम हाइड्रोजन में 70 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। 

उड़ीसा देश का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है। भारत में कुल बाक्साइट का आधे से अधिक उत्पादन उड़ीसा में होता है। 

जादुगुडा झारखंड के सिंहभूम जिले में स्थित भारत की पहली यूरेनियम खान है।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति तोबो मठ हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

अरबी, अंग्रेजी, फ्रेंच, चीनी, स्पेनिश और रूसी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा में शामिल हैं।

 

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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