DHARMAReligion

सोये हुए ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय

लाल किताब में बताया गया है कि जिस घर में कोई ग्रह न हो तथा जिस घर पर किसी ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती है तो उसे सोया हुआ घर माना जाता है। लाल किताब के अनुसार जो घर सोया हुआ होता है उस घर से सम्बन्धित फल तब तक प्राप्त नहीं होता है जब तक कि वह घर जागता नहीं है।लाल किताब में सोये हुए घरों को जगाने के लिए कई उपाय बताए गये हैं। जिन लोगों की कुण्डली में प्रथम भाव सोया हुआ हो उन्हें इस घर को जगाने के लिए मंगल का उपाय करना चाहिए। मंगल का उपाय करने के लिए मंगलवार का व्रत करना चाहिए। मंगलवार के दिन हनुमान जी को लडुडुओं का प्रसाद चढ़ाकर बांटना चाहिए। मूंगा धारण करने से भी प्रथम भाव जागता है। यदि दूसरा घर सोया हुआ हो तो चन्द्रमा का उपाय शुभ फल प्रदान करता है। चन्द्र के उपाय के लिए चांदी धारण करना चाहिए। माता की सेवा करनी चाहिए एवं उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। मोती धारण करने से भी लाभ मिलता है। तीसरे घर को जगाने के लिए बुध का उपाय करना लाभ देता है। बुध के उपाय हेतु दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। बुधवार के दिन गाय को चारा देना चाहिए। लाल किताब के अनुसार किसी व्यक्ति की कुण्डली में यदि चौथा घर सोया हुआ है तो चन्द्र का उपाय करना लाभदायी होता है। पांचवें घर को जागृत करने के लिए सूर्य का उपाय करना फायदेमंद होता है। नियमित आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ एवं रविवार के दिन लाल भूरी चीटियों को आटा, गुड़ देने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
छठे घर को जगाने के लिए राहु का उपाय करना चाहिए। जन्मदिन से आठवां महीना शुरू होने पर पांच महीनों तक बादाम मन्दिर में चढ़ाना चाहिए, जितना बादाम मन्दिर में चढाएं उतना वापस घर में लाकर सुरक्षित रख दें। घर के दरवाजा दक्षिण में नहीं रखना चाहिए। इन उपायों से छठा घर जागता है क्योंकि यह राहु का उपाय है। सोये हुए सातवें घर के लिए शुक्र को जगाना होता है।शुक्र को जगाने के लिए आचरण की शुद्धि सबसे आवश्यक है।
सोये हुए आठवें घर के लिए चन्द्रमा का उपाय शुभ फलदायी होता है। जिनकी कुण्डली में नवम भाव सोया हो उनहें गुरूवार के दिन पीलावस्त्र धारण करना चाहिए। सोना धारण करना चाहिए व माथे पर हल्दी अथवा केशर का तिलक करना चाहिए।इन उपाय से गुरू मजबूत होता है और नवम भाव जागता है। दशम भाव को जागृत करने हेतु शनिदेव का उपाय करना चाहिए।एकादश भाव के लिए भी गुरू का उपाय लाभकारी होता है।
अगर बारहवां घर सोया हुआ हो तो घर मे कुत्ता पालना चाहिए। पत्नी के भाई की सहायता करनी चाहिए। मूली रात को सिरहाने रखकर सोना चाहिए और सुबह मंदिर मे दान करना चाहिए।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button