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तीरथ सिंह रावत की कैबिनेट में चार नये चेहरे, 11 मंत्रियों ने शपथ ली

देहरादून। उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की टीम में चार नये चेहरों को शामिल किया गया है। राजभवन में शुक्रवार को 11 मंत्रियों एवं राज्य मंत्रियों को राज्यपाल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य ने मंत्री सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पाडेय, बंशीधर भगत, गणेश जोशी, बिशन सिंह चुफाल को कैबिनेट मंत्री तथा रेखा आर्य, धन सिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद को राज्य मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल में शामिल चार नये चेहरों में बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद तथा बंशीधर भगत शामिल हैं।
वहीं, त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में मंत्री रहे मदन कौशिक को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है, जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे बंशीधर भगत को कैबिनेट में शामिल किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी कैबिनेट एवं राज्य मंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि मंत्रिमंडल के सभी सहयोगी आपसी समन्वय के साथ प्रदेश के विकास में प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगे और एक नए उत्तराखंड का निर्माण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को विकास के पथ पर निरंतर अग्रसर बनाए रखने के लिए आपका सहयोग मिलता रहेगा, इसका मुझे पूरा विश्वास है। प्रदेश के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। सकारात्मक ऊर्जा के साथ समन्वय और सहयोग से हम सभी प्रदेश के विकास के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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