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उल्लेखनीय कार्यों के लिए यूथ आइकॉन अवार्ड

देहरादून। यूथ आइकॉन राष्ट्रीय सम्मान समारोह 2017 में विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। देहरादून के ओएनजीसी घोष ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और मां सरस्वती की वंदना के साथ हुई। गायिका सोनिया आनंद के गीत ओ री चिरया पर मनस्वनी और यशस्वनी ने शानदार नृत्य किया।

इससे पहले डॉ. आलोक जैन, डॉ.महेश कुड़ियाल, राकेश बिजल्वाण, अरूण चमोली व अरूण शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। वहीं लाइफ टाइम अचीवमेंट 2017 से सम्मानित केशव लाल ने नागिन फिल्म के जिस गाने को हारमोनियम से संगीत दिया था, आज वर्षों बाद भी उसी हारमोनियम से कई गानों की धुन सुनाई। दर्शकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।

प्रेरणादायक अवार्ड से सम्मानित हरियाणा के मदनलाल,बिना हाथ वाले दुनिया के पहले टेलर मास्टर हैं। उन्होंने सभी के सामने पैरों से मशीन में धागा डालकर, कपड़े की सिलाई कर, पैरों से व्यक्ति का नाप लेकर लोगों को हैरान कर दिया। बालीवुड के प्रसिद्ध हास्य कालाकार संजय मिश्रा ने अपनी फिल्मों के कुछ डायलाग सुनाकर लोगों को खूब हंसाया।

सीएम के प्रतिनिधि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने यूथ आइकॉन की तारीफ करते हुए अगले साल से राजनीति के क्षेत्र में भी ईमानदारी से कार्य करने वाले नेताओं को पुरस्कार देने की अपील की। विशिष्ट अतिथि सुप्रिय प्रसाद ने कहा कि यूथ आइकॉन ने बहुत बारीकी से लोगों का चयन कर योग्य लोगों को पुरस्कार दिया है।

सीएम के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने कहा कि यूथ आइकॉन सम्मान पाने वाले सभी लोगों की समाज के लिए जिम्मेदारी और बढ़ गई है। वह पूरी कोशिश करेंगे कि जो सम्मान उन्हें मिला है, वह उसकी विश्वसनीयता बनाए रखें। यूथ आइकॉन के संरक्षक व निदेशक शशि भूषण मैठाणी ने पुरस्कार के लिए चयन की प्रक्रिया की जानकारी दी।

मंच संचालन मोना बाली, शिवांकू भट्ट, ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अरूण शर्मा, राकेश बिजल्वाण, अरूण चमोली, सुनीता पांडेय, तनुश्री डिमरी मैठाणी, राज कौशिक, दिनेश बडथ्वाल, सोनाली वर्मा, सुशील कुमार सिंह, सतीश लखेड़ा, मयंक राज शेखर, आशीष गुप्ता, मुकेश नौटियाल, अतुल बतरिया, अवनीश प्रेमी, दिलीप बिष्ट, केदार दत्त, हेमंद माधव खुगशाल, अख्तर अहमद, संदीप गुसाईं, योगेश, जगमोहन मेंहदी रत्ता, कृष्ण मेहता, सौरभ कुमार, रमेश पेटवाल, वरूण शर्मा, अरूण पांडेय, मोहन पुरोहित, हरीश ने महत्वूपर्ण भूमिका निभाई।

यूथ आइकॉन अवार्ड 2017 से सम्मानित
लाइफ टाइम अचीवमैंट अवार्ड 2017- केशव लाल बगारी
प्रेरणादायक अवार्ड- मदन लाल (बिना हाथ वाले दुनिया के पहले टेलर मास्टर)
कला रत्न सम्मान-संजय मिश्रा, बॉलीवुड कलाकार
जन शिरोमणि सम्मान-नरेन्द्र सिंह नेगी, प्रसिद्ध लोकगायक
लोक संस्कृति संरक्षण सम्मान-राकेश भट्ट, संस्कृति कर्मी
प्रतिभा सम्मान- पंकज सती, गायक
उत्कृष्ठ सेवा सम्मान-मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, अशोक कुमार,अपर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, तृप्ति भट्ट, एसएसपी चमोली,
सौम्या साबसिवन, एसएसपी शिमला
खेल रत्न सम्मान-एकता बिष्ट
विशेष पत्रकारिता सम्मान-दीपक शर्मा,सईद अंसारी,राजेश रैना,पिनाज त्यागी,अरूण ढौडियाल,अरविन्द शेखर, अनिल चंदोला, सुमन सेमवाल, विमल पुर्वाल,पंकज पंवार,मनमोहन भट्ट,पवन लालचंद
पत्रकारिता सम्मान- विवेक शांडिल्य,निदा अहमद, पुनीत शर्मा,सुरेन्द्र डसीला, गौरव मिश्रा, दीपक आजाद
बेस्ट फोटाग्राफर-मुकेश खुगसाल, राजीव काला
क्रिएटिव राइटिंग सम्मान-मनोज इष्टवाल
साहित्य व शिक्षा सम्मान-डॉ. वीरेन्द्र वर्तवाल, लेखक साहित्यकार, मनोज तिवारी व मनोज बहुगुणा शिक्षक
हिन्दी भाषा प्रचार प्रसार सम्मान- गौरव मिश्रा
चिकित्सा सेवा सम्मान- डॉ. आलोक आहूजा
लिटिल डायमंड सम्मान- मास्टर मुदित जोशी
उत्कृष्ठ कार्य सम्मान- मनीष औली

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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