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शारजाह इंटरनेशनल बुक फेयर

शारजाह इंटरनेशनल बुक फेयर (एसआईबीएफ) 2017 का 36 वां संस्करण एक नवंबर को शारजाह के एक्सपो सेंटर में “मेरी पुस्तक में एक विश्व” विषय के साथ शुरू हुआ है। पुस्तक मेले में 60 देशों के 1,650 प्रकाशन गृहों की भागीदारी है। साहित्य, ज्ञान और संस्कृति के 11 दिन के समारोह में 15 लाख से अधिक किताब प्रदर्शित की जाएंगी। 2017 संस्करण में 48 देशों के 393 मेहमान होंगे, जो 2,600 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। एसआईबीएफ दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेले माना जाता है। 

1983 बैच की आईपीएस अधिकारी नीलमनी एन राजू को कर्नाटक की पहली महिला महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक (डीजी-आईजीपी) के रूप में नियुक्त किया गया है। 

अभिनेता अनुपम खेर को को पुणे, महाराष्ट्र में प्रमोद महाजन स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। खेर को सायराबानो के साथ सम्मानित किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की स्मृति में पुणे-आधारित संगठन ‘मुक्ताचंद’ ने इस पुरस्कार की शुरुआत की थी।

पहली बार भारत-अमेरिका महासागर वार्ता 1 नवंबर, 2017 को गोवा में शुरू हुई, जिसका आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान-समुद्री विज्ञान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईओ) में किया गया। महासागर वार्ता का उद्देश्य ब्लू अर्थव्यवस्था के सतत विकास को बढ़ावा देना है। विश्वबैंक के मुताबिक, ब्लू इकोनॉमी आर्थिक विकास, बेहतर आजीविका,नौकरियों और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महासागर संसाधनों का स्थायी उपयोग है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 1 नवंबर, 2017 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वैश्विक क्लबफुट सम्मेलन का उद्घाटन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और क्योर इंडिया ने संयुक्त रूप से इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया है। क्लबफुट अस्थि-विकार जन्म दोषों में से एक है, जो प्रारंभिक उपचार नहीं होने पर स्थायी अक्षमता का कारण बन सकता है। इससे बच्चे की गतिशीलता और आत्मविश्वास प्रभावित होता है। 

हरियाणा सरकार ने हाल ही में ‘हिंदी सत्याग्रहियों’ और आपातकाल में जेल भेजे गए लोगों के लिए 10,000 रुपये की आजीवन मासिक पेंशन की घोषणा की है। राज्य सरकार ने 1957 में पंजाब आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से भाषा को बढ़ावा देने के लिए ‘हिंदी सत्याग्रह’ करने वाले 194 सत्याग्रहियों की पहचान की है।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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