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सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए लोक निर्माण विभाग को 30 नवंबर तक का समय

शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक और कूड़ा निस्तारण के लिए जल्द से जल्द मजबूत सिस्टम बनाने के निर्देश

देहरादून। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को 30 नवम्बर तक सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त करने और शहरी विकास विभाग को शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक और कूड़ा निस्तारण के लिए जल्द से जल्द एक मजबूत सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा बैठकों के क्रम में अपर मुख्य सचिव ने सचिवालय में लोक निर्माण, शहरी विकास, आवास और औद्योगिक विकास विभाग की समीक्षा बैठक की।

एसीएस ने कहा, मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन को शीर्ष प्राथमिकता पर लिया जाए। घोषणाओं को तेजी से पूरा करने के लिए शासन स्तर से धरातल स्तर तक समय सीमा निर्धारित की जाए। निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं की विभागीय सचिव के स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग की जाए और पूर्ण करने के लिए समय सीमा निर्धारित हो।

उन्होंने कहा, संबंधित विभाग निर्माण कार्यों में तेजी लाएं। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री द्वारा जनहित में लिए गए निर्णयों पर विभाग जो भी कार्य कर रहे हैं, उनमें समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। किसी कार्य में किसी वजह से परेशानी हो रही है, तो उसकी जानकारी उच्च स्तर पर दी जाए। बैठक में अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत कुमार एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

Rajesh Pandey

राजेश पांडेय, देहरादून (उत्तराखंड) के डोईवाला नगर पालिका के निवासी है। पत्रकारिता में  26 वर्ष से अधिक का अनुभव हासिल है। लंबे समय तक हिन्दी समाचार पत्रों अमर उजाला, दैनिक जागरण व हिन्दुस्तान में नौकरी की, जिनमें रिपोर्टिंग और एडिटिंग की जिम्मेदारी संभाली। 2016 में हिन्दुस्तान से मुख्य उप संपादक के पद से त्यागपत्र देकर बच्चों के बीच कार्य शुरू किया।   बच्चों के लिए 60 से अधिक कहानियां एवं कविताएं लिखी हैं। दो किताबें जंगल में तक धिनाधिन और जिंदगी का तक धिनाधिन के लेखक हैं। इनके प्रकाशन के लिए सही मंच की तलाश जारी है। बच्चों को कहानियां सुनाने, उनसे बातें करने, कुछ उनको सुनने और कुछ अपनी सुनाना पसंद है। पहाड़ के गांवों की अनकही कहानियां लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।  अपने मित्र मोहित उनियाल के साथ, बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से डेढ़ घंटे के निशुल्क स्कूल का संचालन किया। इसमें स्कूल जाने और नहीं जाने वाले बच्चे पढ़ते थे, जो इन दिनों नहीं चल रहा है। उत्तराखंड के बच्चों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए डुगडुगी नाम से ई पत्रिका का प्रकाशन किया।  बाकी जिंदगी की जी खोलकर जीना चाहते हैं, ताकि बाद में ऐसा न लगे कि मैं तो जीया ही नहीं। शैक्षणिक योग्यता - बी.एससी (पीसीएम), पत्रकारिता स्नातक और एलएलबी, मुख्य कार्य- कन्टेंट राइटिंग, एडिटिंग और रिपोर्टिंग

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